Wednesday, November 28, 2012

मोदी का नकारात्मक प्रचार

भाजपा तथा भाजपा को पसंद करने वाले पत्रकार आजकल चिल्ला-चिल्ला कर गुजरात कांग्रेस के विज्ञापनों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं कि उसमें श्रीलंका और अमेरिका की फोटो दिखाई गई हैं. क्या ऐसा होता है कि किसी विज्ञापन में काम करने वाले मॉडल असल जिंदगी में वैसे ही हों? 

किसी विज्ञापन में गरीब बच्चे दिखाए जाते हैं तो क्या इसका मतलब वह बच्चे असल जिंदगी में भी गरीब ही होने चाहिए? अगर किसी लड़की को राजकुमारी दिखाया जाता है तो क्या वह असल जिंदगी में भी राजकुमारी ही होनी चाहिए? 

विज्ञापन के किसी फोटो से उसकी गुणवत्ता का निर्धारण नहीं होता है।

गुजरात की वर्तमान सरकार के एक विज्ञापन में एक मुस्लिम लड़की को दिखाया गया था जो कि गुजरात की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की थी तो क्या इसका मतलब वह यह कहना चाहते हैं कि मोदी के द्वारा गुजरात मुस्लिमों के लिए जिस योजना का विज्ञापन था वह झूठी योजना थी?

अजीब लोग हैं.

यह सारी कोशिशें उन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए है जिन पर यह विज्ञापन बनाए गए हैं।

8 comments:

  1. sah-e-aalam 'o' prachar hi nakaratmak hai....


    salam.

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  2. ब्लॉगर होते जा रहे, पॉलिटिक्स में लिप्त |
    राजग यू पी ए भजें, मिला मसाला तृप्त |

    मिला मसाला तृप्त, उठा ले लाठी डंडा |
    बने प्रचारक पेड, चले लेखनी प्रचंडा |

    धैर्य नम्रता ख़त्म, दांत पीसे अब रविकर |
    दे देते हैं जख्म, कटकहे कितने ब्लॉगर -

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    1. बजा फरमा रहें हैं रविकर साहब

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  3. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।

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    1. बहुत-बहुत शुक्रिया

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  4. aajkal ya to asli mudde koi uthana nahi chahta ya usse dhyan bantana chate hai isliye in uljulul baton par kavayde hoti rahti hai..sateek bat

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  5. बहुत-बहुत शुक्रिया

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  6. असल बात यही है कविता जी, ध्यान बंटा कर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना ही मकसद है इनका

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